अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों पर एमसीडी मेहरबान |
चुनावी तैयारी |
दो लाख रुपए कमाने वाला अल्पसंख्यक भी माना जाएगा गरीब, अन्य राज्यों के एससी-एसटी बच्चों को भी छात्रवृत्ति |
भास्कर न्यूजत्न नई दिल्ली |
चुनावी वर्ष में दिल्ली नगर निगम ने चुनावी घोषणाएं भी करनी शुरू कर दी हंै। राजधानी में महज छह महीने बाद एमसीडी चुनाव होने जा रहे हंै और इसके मद्देनजर एमसीडी राजधानी के कुछ खास वर्ग के गरीब बच्चों को विशेष राहत देने जा रही है। इसी क्रम में एमसीडी अब अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों के अभिभावकों की गरीबी रेखा का निर्धारण एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए करने जा रही हैै। अब तक एक लाख रुपए प्रतिवर्ष कमाने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के अभिभावकों को ही एमसीडी गरीब मानती रही है और उन्हीं के बच्चों को प्रति वर्ष एक हजार रुपए छात्रवृत्ति दी जाती है, लेकिन अब इसे बढ़ाकर दो लाख रुपए किया जाएगा। इसके अलावा, अब 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त करने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस बाबत दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बकायदा एमसीडी को पत्र लिखकर इसे जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश भी दिया है। हालांकि, राजधानी में अल्पसंख्यक वर्ग के अलावा अन्य पिछड़े वर्ग के लोग भी काफी तादाद में रहते हैं और उनके बच्चे भी बड़ी संख्या में एमसीडी के विद्यालयों में अध्ययनरत हैं, लेकिन उनकी गरीबी रेखा के लिए वर्तमान में निर्धारित की जा रही न्यूनतम वेतन में फिलहाल किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग के अभिभावकों की न्यूनतम वेतन अभी भी महज 44500 रुपए प्रतिवर्ष रहेगी। अल्पसंख्यक वर्ग के अलावा एमसीडी अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों पर भी मेहरबानी दिखाने जा रही है। एमसीडी में शिक्षा समिति के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नागपाल के मुताबिक अब एमसीडी विद्यालयों में अन्य राज्यों के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को भी एमसीडी द्वारा छात्रवृत्ति दी जाएगी। अब तक एमसीडी केवल दिल्ली के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को ही छात्रवृत्ति का लाभ दे रही है। |
Tuesday, 4 October 2011
अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों पर एमसीडी मेहरबान
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